सेवानिवृत्ति निधि प्रबंधक कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत पेंशनभोगियों ने अपनी न्यूनतम मासिक पेंशन को बढ़ाकर 7,500 रुपये करने की मांग की है। वर्तमान में, EPS-95 पेंशनर्स को न्यूनतम 1,000 रुपये की मासिक पेंशन मिलती है, जो सितंबर 2014 में लागू हुई थी।
पेंशनर्स की भूख हड़ताल की चेतावनी
कर्मचारी पेंशन योजना-95 की राष्ट्रीय आंदोलन समिति ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि पेंशनभोगी राष्ट्रीय राजधानी के जंतर-मंतर पर दूसरी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करेंगे। उनकी मांग है कि न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 7,500 रुपये प्रति माह किया जाए। केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव के आश्वासन के बावजूद इन मांगों को पूरा नहीं किया गया है।
पेंशनर्स का मांगा जा रहा है डाटा
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के डेढ़ साल बाद भी पेंशनर्स का डाटा सिर्फ हायर पेंशन के लिए मांगा जा रहा है। EPFO ने 31 मई 2024 तक का समय मांगा है, लेकिन पेंशनर्स का कहना है कि EPFO का कोई भरोसा नहीं है कि वह कब और समय मांगेगा। EPFO ने अब तक चार बार समय बढ़ाने की मांग की है, और अब ऐसा लग रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद यह प्रक्रिया बंद हो जाएगी।
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हाई पेंशन को लेकर नया कानून
इस देरी के कारण मौजूदा पेंशनर्स और अन्य कर्मचारी तनाव में हैं कि उनकी हायर पेंशन का क्या होगा। कर्मचारी पेंशन योजना-95 के अंतर्गत चर्चा हो रही है कि अगर मौजूदा केंद्र सरकार दोबारा सत्ता में आती है तो सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं माना जाएगा और केंद्र सरकार हायर पेंशन न देने को लेकर नया कानून ला सकती है।
केंद्र सरकार ने खुद ही पेंशन योजना बंद कर दी
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के सेवानिवृत्त पेंशनर श्री नामदेव ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार और उसके कुछ समर्थक शुरू से ही पेंशन योजना के खिलाफ रहे हैं। उनका मानना है कि पेंशन एक उपकार है, इसलिए रिटायरमेंट के बाद पेंशन देने की जरूरत नहीं है। इसी तरह के तर्कों के कारण पुरानी पेंशन और सेना की पेंशन भी बंद कर दी गई। अगर मौजूदा केंद्र सरकार इस बार सत्ता में लौटती है तो वह सभी कर्मचारी पेंशन योजना-95 योजनाओं को बंद कर सकती है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी नहीं दी गई उच्च पेंशन
उच्च पेंशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सभी साक्ष्यों और तर्कों पर विचार करने के बाद उच्च पेंशन देने का आदेश दिया था। इसके बावजूद डेढ़ साल बीत गए हैं लेकिन उच्च पेंशन शुरू नहीं हुई है। संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों के सांसद न्यूनतम पेंशन की राशि बढ़ाने में हो रही देरी और उच्च पेंशन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले और निर्देश को शीघ्र लागू करने की मांग कर रहे हैं।
केंद्र सरकार को सबक सिखाएंगे पेंशनर्स
पेंशनर्स की बैठक में निर्णय लिया गया कि पेंशन को लेकर केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही टेंशन को ध्यान में रखते हुए इस बार पेंशनर्स की फौज लोकसभा चुनाव में मौजूदा केंद्र सरकार को सबक सिखाएगी। वे हर व्यक्ति के पास जाकर बता रहे हैं कि किस तरह से पेंशन को लेकर केंद्र सरकार और उनके विभागों द्वारा उन्हें परेशान किया जा रहा है। इससे स्पष्ट हो गया है कि केंद्र सरकार ज्यादा पेंशन देने के मूड में नहीं है, और इसका नतीजा लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगा।
निष्कर्ष
EPS-95 पेंशनर्स की मांगें समय पर पूरी न होने के कारण वे भूख हड़ताल और विरोध प्रदर्शन की राह पर हैं। सरकार और पेंशनर्स के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, जिससे आने वाले लोकसभा चुनाव में इसका असर देखने को मिल सकता है। यह महत्वपूर्ण है कि सरकार पेंशनर्स की मांगों को गंभीरता से लेकर उन्हें उचित समाधान प्रदान करे, ताकि उनके भविष्य को सुरक्षित किया जा सके।